Shiv Aarti : शिव जी की आरती – “ओम जय शिव ओंकारा” 2023

Shiv aarti: भगवान शिव जी को अगर मन से परथन्न किया जाय तो सुना जताभाई शिव जी आपके सभी मानो कमाने पूरी करते है. अगर एप भी भगवान शिव जी shiv aarti सही भक्ति से करे तो आपकी भी सभी मनोकामना पूरी होंगे. Shiv aarti करने की एक पारिकिया होती है और कुछ जरूरी नियम होते है जो आज हम आपको इस आर्टिकल मैं पूरी विस्तारित रूप से बताएंगे.

Shiv aarti आपको हमारे इस वेबसाइट पर मिल जायेंगे और आपको जब कभी भी आरती करनी हो तो एप इस वेबसाइट से एके कर सकते है. अगर आपको shiv aarti lyrics भी पड़नी है तो आप हमारे इस वेबसाइट से पढ़ सकते है. इस आर्टिकल को पुडा पढ़िए और हम आपको शिव आरती के बरेमे पूरी जानकारी देंगे.

Contents

Shiv aarti क्या है?

Shiv aarti एक खास प्रकार का आरती है जिसको शिव की के भक्त भजन करते है शिव जी की आराधना करने के लिए. आरती करने से किसीभी व्यक्ति का मन प्रफुल्लित होता है और अंतरात्मा को संतु मिलती है और शिव जी उन्हें जीवन मई आगे बड़ने की दिशा दिखाते है. अगर आप भी रोज सीवर्थी करते हैं तो आपके जीवन में भी कोई बाधा विकल्प नहीं आएंगे और आपका जीवन भी एकदम खुशहाल और शांति में बना रहेगा शिव जी की कृपा से.

Shiv Arti : शिव जी आरती

ओम जय शिव ओंकारा, स्वामी जय शिव ओंकारा। ब्रह्मा, विष्णु, सदाशिव, अर्द्धांगी धारा॥
ओम जय शिव ओंकारा॥
एकानन चतुरानन पञ्चानन राजे। हंसासन गरूड़ासन वृषवाहन साजे॥
ओम जय शिव ओंकारा॥
दो भुज चार चतुर्भुज दसभुज अति सोहे। त्रिगुण रूप निरखते त्रिभुवन जन मोहे॥
ओम जय शिव ओंकारा॥
अक्षमाला वनमाला मुण्डमालाधारी। त्रिपुरारी कंसारी कर माला धारी॥
ओम जय शिव ओंकारा॥
श्वेताम्बर पीताम्बर बाघम्बर अंगे। सनकादिक गरुड़ादिक भूतादिक संगे॥
ओम जय शिव ओंकारा॥
कर के मध्य कमण्डलु चक्र त्रिशूलधारी। सुखकारी दुखहारी जगपालनकारी॥
ओम जय शिव ओंकारा॥
ब्रह्मा विष्णु सदाशिव जानत अविवेका। मधु-कैटभ दो‌उ मारे, सुर भयहीन करे॥
ओम जय शिव ओंकारा॥
लक्ष्मी, सावित्री पार्वती संगा। पार्वती अर्द्धांगी, शिवलहरी गंगा॥
ओम जय शिव ओंकारा॥
पर्वत सोहैं पार्वती, शंकर कैलासा। भांग धतूर का भोजन, भस्मी में वासा॥
ओम जय शिव ओंकारा॥
जटा में गंग बहत है, गल मुण्डन माला। शेष नाग लिपटावत, ओढ़त मृगछाला॥
ओम जय शिव ओंकारा॥
काशी में विराजे विश्वनाथ, नन्दी ब्रह्मचारी। नित उठ दर्शन पावत, महिमा अति भारी॥
ओम जय शिव ओंकारा॥
त्रिगुणस्वामी जी की आरति जो कोइ नर गावे। कहत शिवानन्द स्वामी, मनवान्छित फल पावे॥
ओम जय शिव ओंकारा॥ ओम जय शिव ओंकारा॥

हिंदू धर्म के अंदर माना जाता है कि भगवान शिव देवों के देव है और अगर आप भगवान शिव जी की आरती करते हैं तो भगवान शिव आपको ऊपर प्रफुल्लित होते हैं और आपको आशीर्वाद देते हैं. इसी कारण भगवान शिव के भक्त shiv aarti करते है. एप इस वेबसाइट से आरती कर सकते है अपने फोन की मदार से.

shiv aarti

Shiv aarti करने के उपकार?

शिव आरती करने के बोहोत साड़ी उपकार है जो कि आज आपको इस आर्टिकल में बताएंगे और अगर आप भी शिव आरती करते हैं तो योग कार आपके साथ भी निश्चित रूप से होंगे.

  • शिव आरती करने से आपका मन प्रफुल्लित होता है और आपके जीवन में खुशियां आते हैं
  • भगवान शिव आप के ऊपर प्रसन्न होकर आपको आशीर्वाद देते हैं अगर आप सच्चे मन से उनकी आरती करते हैं तो
  • शिव आरती करने से आपकी सभी मनोकामना पूरी होती है
  • आपको जीवन में एक सही दिशा मिलती है भगवान शिव जी के आशीर्वाद और दया से
  • आपके जीवन में अच्छा होने लगता है और जीवन में आगे बढ़ने की एक सही दिशा मिलती है.

Shiv aarti क्यू करनी चाहिए?

हिंदू धर्म के मुताबिक अगर आप किसी भगवान के लिए सच्चे मन से आरती करते हैं तो आपको उनका आशीर्वाद मिलता है. शिवजी की आरती करने से आपके जीवन से नकारात्मक कथा दूर होती है और जीवन में आगे बढ़ने के लिए एक सही दिशा मिलती है. भगवान शिव चयन आपसे प्रसन्न होंगी अगर आप उनकी आरती सच्चे दिल से करते हैं. अगर आपको इस आर्टिकल से कुछ अच्छा मिला हो तो इसको अपने अपन जनों के साथ शेयर कीजिए और उनको भी शिव आरती पढ़ने के लिए जरूर बोलिए.

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